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जिस तरह से कोविड ने इंसानों के जीवन में कहर मचाया, ठीक उसी तरह से लम्पी वायरस ने गायों के जीवन में कहर ढाया हुआ है। 

लम्पी वायरस का पहला केस 23 अप्रैल को गुजरात के कच्छ में आया। इसके बाद राजस्थान में इसका प्रभाव भारी मात्रा में देखने को मिला। लाखों गायों की मृत्यु हुई, जिसके उपरांत राजस्थान सरकार ने महामारी घोषित कर दिया। धीरे धीरे लम्पी वायरस ने भारत के अनेक राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली को अपनी चपेट में ले लिया।

क्या है लम्पी वायरस और यह किस तरह से पशुओं को प्रभावित करता है? 

यह वायरस सबसे ज्यादा गायों में पाए गए है। कई चिकित्सक का कहना है की जो गाय दूध देती है उन्हे ये बीमारी होती है, कईयों का कहना है की ये बीमारी गौशाला में रहने वाली गायों को होती है, और कोई कहता है की यह बीमारी क्रॉसब्रीड की गायों को होती है। परंतु एक बात जो सामान है वो यह की ये उन गायों को अधिकतर होती है जिनकी इम्यूनिटी कम होती है। 

यह वायरस lapripox फैमिली का है, साथ ही यह तेजी से फैलता है। हमने अधिकतर देखा है की गायों के ऊपर मक्खी, मच्छर या कीड़े बैठे हुए होते है और ये कीड़े उन पर बैठ कर उनका खून चूसते है। फिर यही कीड़े दूसरे गायों पर भी बैठते है जिससे यह बीमारी भारी मात्रा में फैल रही है। खून में जाते ही ये वायरस अपनी संख्या बढ़ने लगते है जिसे इनक्यूबेशन पीरियड भी कहते है। यह पीरियड 2 से 4 हफ्ते का होता है और इस समय गायों में लम्पी वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखते है। 

लम्पी वायरस
Image Source: The New India

उसके बाद गायों को पहले दिन बुखार होता है। फिर उनके खाल पर दाने आ जाते है, लार टपकने लगता है, आंख और नाक से पानी आने लगता है, नोड्स में सूजन आ जाती है और खाल md सूजन आने से चमड़ी लटक जाती है और गायों का देहांत हो जाता है। 

लम्पी वायरस की वजह से गायों का गर्भाशय और दूध उत्पादन की छमता प्रभावित होती है। फिलहाल गायों को वायरस से बचाने के लिए गोट और शीप पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है। चिकित्सकों का मानना है की यह वैक्सीन 60% तक प्रभावी है। 

क्या यह वायरस मनुष्यों को भी प्रभावित करती है?

यह वायरस मनुष्यों को बिलकुल भी प्रभावित नहीं करती है, क्योंकि इसमें मनुष्यों के लिए कोई भी हानिकारक तत्व नहीं है। यह ध्यान में रखने की जरूरत है की आवश्यकता है की दूध पीने से पहले, दूध को देर तक उबले। वहीं दूसरी ओर यदि बछड़े लम्पी वायरस से ग्रसित गायों का दूध पीते है तो ये उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। 

क्या सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया दिखाने में देर कर दी?

राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर के कुछ हिस्सों में इसका प्रभाव पहले से ही दिख गया था। परंतु प्रशासन ने सही समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। जब एक्टिविस्ट द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला गया, जो काफी वायरल हुआ, तब प्रशासन को होश आया और सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए गए। 

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सरकार ने गायों के मुफ्त टीकाकरण का आदेश दिया। मध्य प्रदेश की सरकार ने राज्य के बाहर के मवाशियो के आवाजाही पर रोक लगाया और मृत गायों को दफनाने के पुरजोर इंतजाम किया गया। 

पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी टीकाकरण अभियान चलाया गया। पंजाब में PDF Progressive Dairy Association का कहना है की करीब एक लाख गायों का देहांत हो चुका है। जिसकी वजह से पंजाब में 15 – 20% तक दूध उत्पादन में गिरावट आई है। 

दोस्तों जिस तरह मनुष्य का जीवन महत्वपूर्ण है, उसी तरह पशुओं का भी है। अगर आप अपने छेत्र में लम्पी वायरस से ग्रसित गायों को देखते है तो नसदिकी चिकित्सालय को सूचित करें, जिससे उनका उपचार सही समय पर हो सके। 

By Hemlata

As a news author, Hemlata understands the responsibility of her role in shaping public discourse and maintaining the public's trust. She is committed to upholding the highest ethical standards in journalism, ensuring accuracy, fairness, and transparency in her reporting.

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